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Urdu Shayari

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ, गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ, रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आँसू, मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।

ता-उम्र अब सफर में गुजरने लगी है जिंदगी

ता-उम्र अब सफर में गुजरने लगी है जिंदगी महरूम अब हमसे होने लगी है हर खुशी कुछ मसरूफ सा रहने लगा हूं मैं भी अब मंज़िलो की तलाश में ना जाने कब खत्म होगा ये सफर ऐ-ज़िन्दगी

ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा

ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा, मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा, तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं, तुम्हारी नफरतों की पीर को ज़िंदा नहीं रखा।

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