बीत गए वो पल रह गयी वो यादें
साथ बिताये वो दिन ,रात -रात भर की गयी बातें
कभी रोना कभी रुलाना ,कभी हसाना कभी हसाना
वो दिन भी क्या थे मानो एक अनमोल खजाना
बातें विश्वास और भरोसे की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी सी लगती है
झूठे लोगों से भरी पड़ी हैं कहानियां यहाँ किताबों में
प्यार से बोल दे कोई तो मेहरबानी सी…