इश्क़ अब इश्क़ नही रहा-गोरखधंधा हो गया – Hindi Shayari

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नाज़ था जिन अपनों पे उनसे ही शर्मिंदा हो गया है ,
महंगा था इसका मोल कभी;
अब जी एस टी सा मंदा हो गया है,
इश्क़ अब इश्क़ नही रहा गोरखधंधा हो गया है।

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