मेरा दिल भी उस मातम से सेहर जाता है
मेरा दिल भी उस मातम से सेहर जाता है
हां मेरी आँखों में वो मंज़र नजर आता है ….
बददुआ मेरी ये लाचार हुकूमत न रहे
शर्म आती है इसपे, दोगली सियासत न रहे
मुझे उन दुधमुहीं जिंदगानियों का ख्याल आता है
हां मेरी आँखों में वो मंज़र नजर आता है।
उजाला करने से पहले ही दिये बुझते …