Urdu Shayari तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत नहीं है ग़ालिब By Shayari Diary Last updated Sep 19, 2024 0 383 Share 😊😊😊😊😊😊😊😊 तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत नहीं है ग़ालिब कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद 😊😊😊😊😊😊😊😊 Urdu Shayari 0 383 Share FacebookTwitterWhatsAppGoogle+ReddItPinterestTumblrTelegramFacebook MessengerPrint