Urdu Shayari ता-उम्र अब सफर में गुजरने लगी है जिंदगी By Shayari Diary Last updated Sep 19, 2024 0 227 Share ता-उम्र अब सफर में गुजरने लगी है जिंदगी महरूम अब हमसे होने लगी है हर खुशी कुछ मसरूफ सा रहने लगा हूं मैं भी अब मंज़िलो की तलाश में ना जाने कब खत्म होगा ये सफर ऐ-ज़िन्दगी Urdu Shayari 0 227 Share FacebookTwitterWhatsAppGoogle+ReddItPinterestTumblrTelegramFacebook MessengerPrint