जगमग दिये की तरह, जलते रहो तुम सारी उम्र
जगमग दिये की तरह, जलते रहो तुम सारी उम्र
मन में छुपे अंधेरों को, खलते रहो तुम सारी उम्र
रौशनी की रात आई है, खुशियों की सौगात लाई है
देखो आज ज़मीन पर यूँ, सितारों की बारात आई है
दिवाली के पटाखों की तरह, दर्द के छाले फोड़ दो
हो बुराई जितनी भी मन में, आज तुम सब छोड़ दो